Wednesday, March 13, 2013

हीराबाईबेन वास्तव में एक शक्तिशाली नारी हैं।


हीराबाईबेन वास्तव में एक शक्तिशाली नारी हैं

हीराबाई बेन लोबी
हीराबाईबेन वास्तव में एक शक्तिशाली नारी हैं। कम उम्र में सर से मां-बाप का साया उठ जाने के बाद  हीराबाईबेन का बचपन बड़ी कठिनाइयों के साथ बीता। लेकिन, उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारा। सीमित साधन के बावजूद लगातार चुनौतियों से मुकाबला करते हुए आजीविका के लिए खेती की नई तरीकों का सहारा लिया।  इस प्रकार बैंक से  लोन लेकर उन्होंने जैविक कम्पोस्ट फार्म शुरू करने का फैसला किया, जिसके लिए स्थानीय समुदाय ने आपत्ति भी जताई। लेकिन कडी मेहनत व दृढ निश्चय और गुजरात के सिद्दी समुदाय की महिलाओं की मदद से, उनकी कोशिशों ने रंग लाया। खेती की यह नई वैज्ञानिक विधि हीराबाई बेन कि लिये बहुत फायदेमंद साबित हुआ और जिससे एक लंबे समय तक चल सकने वाला उद्योग की स्थापना हुई। आज भी हीराबाई बेन की सफलता की कहानी जारी है और उनका वर्मीकम्पोस्ट उत्पादक समूह बडे-बडे ब्रांडों से टक्कर लेते हुए, सलाना करीब 700,000 रूपये का कम्पोस्ट की बिक्री करता है।
अतिरिक्त
हीराबाई बेन ने वृहद समाज के कई दूसरे मुद्दों को भी छुआ है और साथ ही कई महिलाओं को भी इसमें भागीदार बनने के लिये प्रेरित किया है। उनके काम का मुख्य केंद्र स्वास्थ्य, आर्थिक आजादी व खेतीबाडी में बेहतरी पर रहा है। यहाँ तक कि उन्होंने अपनी आय व कृषि-व्यापार से मिले एवार्ड व फंड को भी स्थानीय स्कूल के विकास में लगाया है। और अब एक कॉलेज खोलने जा रही हैं।
60 साल की उम्र में हीराबाईबेन अपने तीन बच्चों के लिए ही नहीं, पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
क्वोटः आपको क्या एक गर्वान्वित नारी बनाता है?
“मुझे गर्व है कि गाँव की एक नारी होने के बावजूद मैंने समुदाय के सदस्यों में आत्म-निर्भरता का भाव भरा है, जहाँ जागरूकता की कमी है व फंड जुटाना आसान काम नहीं है। वे सब मुझे एक प्रेरणास्रोत के रूप में देखते हैं ओर इससे मुझे हिम्मत मिलती है व मैं विनम्र रहती हूँ।”
http://www.redrickshaw.in/hi/the-women/

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